1. समारोह आयोजन:-
    महाविद्यालय में प्रतिवर्ष विभिन्न राष्ट्रीय पर्वो और अन्य समारोहों का आयोजन समय-समय पर किया जाता है। स्वाधीनता दिवस, शिक्षक दिवस, गाँधी जयन्ती, हिन्दी दिवस, मानव अधिकार दिवस, गणतन्त्र दिवस, शहीद दिवस, कौमी एकता सप्ताह, राष्ट्रीय पुस्तक सप्ताह, युवा सप्ताह, वन्य पशु संरक्षक सप्ताह, विकलांग दिवस, वार्षिक पुरूस्कार वितरण आदि प्रमुख समारोह महाविद्यालय के छात्र-छात्रायें इन समारोह में रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करते है, विभिन्न विजयी प्रतियोगियों को पुरस्कृत का उनका उत्साहवर्धन किया जाता है।
  2. पर्यावरण संरक्षण या इकोरेस्टोरेशन:-
    छात्र-छात्राओं में पर्यावरण के प्राति जागरूकता उत्पन्न करते हुए ईको रेस्टोरेशन क्लब की स्थापना महाविद्यालय में की गई है क्लब के सदस्यों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने मोहल्ले/गाँव तथा आस-पास में पर्यावरण के प्राति आम जनता को सजग हेतु विभिन्न गोष्ठियाँ आयोजित करें, अधिक संख्या में वृक्ष लगाकर उनको विकसित करें तथा परिसर के वृक्षों का संरक्षण हरियाणी का संवर्द्धन करें।
  3. शारीरिक शिक्षा एवं खेल कूद:-
    छात्र-छात्राओं के लिए खेल-कूद की सुविधा है। सीमित संसाधनों के रहते हुए भी महाविद्यालयों में फुटबाॅल, बाॅलीबाल, कबड्डी, खो-खों, टेबिल टेनिस, एथलेटिक्स एवं विभिन्न खेलों की सुविधा उपलब्ध है। खिलाड़ियों के प्रोत्साहन हेतु विश्वविद्यालय महाविद्यालय स्तर पर अनेक योजनायें चलाई जा रही है। महाविद्यालय में प्रतिवर्ष क्रीड़ा प्रतियोगितायें व्यापक स्तर पर धूम के साथ सम्पन्न होती है। तथा विजयी प्रतिभागियों को पुरकृत किया जाता है। विकलांग छात्र/छात्राओं हेतु विशेष व्यवस्था की गयी है।
  4. छात्र कल्याण परिषद:-
    महाविद्यालय में विभिनन विषयों के ज्ञानार्जन के अतिरिक्त अन्य रचनात्मक कार्यकलापों के प्रति रूूचि बढ़ाने के लिये विभिन्न विषयों की परिषदों का गठन किया जात हैं इसके अन्तर्गत समय-समय पर निबंध, कहानी, कविता तथा वाद-विवाद अन्त्याक्षरी प्रतियोगितायें आयोजित की जाती है परिषदों की पदाधिकारी और विजयी प्रतियोगियों को प्रमाण-पत्र व पुनः दिये जाते हैं।
  5. सांस्कृतिक परिषद:-
    छात्र-छात्राओं की नौसर्गिक प्रतिभा को उजागर करने के लिये महाविद्यालय में विभागीय परिषदों के साथ-साथ एक परिषद का भी गठन कया गया है जो समय समय पर शैक्षणिक सत्र में विभिन्न ज्वलंत समस्याओं पर लेखमाला, भाषण, प्रश्नमंच, नारा लेखन, शोध-पत्र पठन, चार्ट पोस्टर एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों को आयोजित करके छात्र-छात्राओं में प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित करती है। सत्र के मध्य में महाविद्यालय स्तर पर एक सांस्कृतिक सप्ताह का आयोजन किया जाता है। जिससे छात्र-छात्राओं को अपनी प्रतिभा प्रकट करने के लिए समुचित अवसर एवं में प्रदान किया जाता है।
  6. रोवर्स-रेंजर्स क्रूः-
    उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार महाविद्यालय में रोवर्स-रेंजर्स दल पंजीकृत हैं छात्र-छात्राओं में अनुशासन स्वावलंगन एवं जनसेवा की भावना विकसित करने के लिए यह दल सक्रिय हैं। महाविद्यालय के छात्र-छात्रायें समय-समय पर विश्वविद्यालय स्तरीय रैली व कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।
  7. कैरियर काउन्सिलिंग:-
    उ0प्र0 श्रम विभाग सौजन्य से छात्र-छात्राओं को कैरियर सम्बन्धी जानकारी प्रदान की जायेगी।
  8. प्रसार व्याख्यान माला:-
    इसके अन्तर्गत विभिन्न विद्वानों एव विशेषज्ञें के व्याख्यान कराये जाते हैं जिनसे छात्र-छात्राओं में ज्ञान-विज्ञान सम्बन्धी नवीनतम उपलब्धियों का समावेश होता है।
  9. पुरातन छात्र-छात्रा परिषद:-
    पुरातन मेघावी छात्र-छात्राओं की योग्यता का लाभ लेने के उद्देश्य से महाविद्यालय में पुरातन छात्र-छात्रा परिषद की स्थापना की गई है। सहयोग देने के इच्छुक योग्य छात्र-छात्रायें इसके सदस्य हो सकते है।
  10. अभिभावक प्रध्यापक परिषद:-
    महाविद्यालय के व्यावहारिक विकास में सक्रिय सहयोग देने के लिये अभिभावक प्राध्यापक परिषद है।
  11. महाविद्यालय पत्रिका:-
    महाविद्यालय पत्रिका छात्र-छात्राओं की रचनात्मक शक्तियों को प्रोत्साहित करती हैं हमारे महाविद्यालय से पत्रिका ‘प्रज्ञा’ का प्रकाशन होता हैं इस उद्देश्य से महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं से स्तरीय रचनायें आमंत्रित की जाती है।
  12. शिकायत पेटी:- महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं की समस्याओं के निराकरण के लिए शिकायत पेटी की व्यवस्था की गयी है। यहाँ छात्र-छात्रायें अपनी शिकायत, नाम की गोपनीयता बनाते हुए कर सकते हैं इसके अलावा छात्र-छात्राओं को महाविद्यालय एवम् उनमें कार्यरत गुरूजनों एवम् कर्मचारियों के मूल्यांकन का भी अधिकार है।